भ्रष्टाचार की समस्या के संबंध में एक चिड़िया की कहानी अत्यंत प्रेरणादायक है।

भ्रष्टाचार की समस्या के संबंध में एक चिड़िया की कहानी अत्यंत प्रेरणादायक है।

एक बार जंगल में भीषण आग लग गई। वहां एक ऊंचे पेड़ पर घोसला बनाकर एक गौरैया रहती थी। उसने जंगल में फैली आग को देखा और थोड़ी देर सोचने के बाद निर्णय लिया कि वह कुछ करेगी। वह ऊंचाई पर उड़ती हुई जंगल के पास स्थित एक झील तक पहुंची। वहां से उसने अपनी चोंच में पानी भरा और उड़ती हुई जंगल के उस हिस्से में पहुंची जहां आग लगी थी। वहां पहुंच कर उसने पानी को आग के ऊपर डाल दिया।

उसने यह क्रिया कई बार दोहराई। पास में बैठा एक कौआ बहुत हैरत से गौरैया को देख रहा था। जब गौरैया कई बार अपनी चोंच में पानी भर कर आग पर गिरा चुकी तो कौवे ने गौरैया से पूछा, 'तुम क्यों व्यर्थ में मेहनत कर रही हो ? क्या तुम समझती हो कि चोंच भर पानी से तुम जंगल में लगी आग को बुझा सकोगी ?'
गौरैया ने उत्तर दिया, 'मैं जो कुछ भी कर रही हूं, उसको करने के लिए मेरे पास कई कारण है।

पहला यह कि जो कोई भी बड़ा या छोटा प्राणी जंगल में रहता है उसे अपनी पूरी क्षमता से किसी भी विपदा के विरुद्ध लड़ना चाहिए।

दूसरा, मैं ऐसा करके यह स्पष्ट घोषणा कर रही हूं कि मैं उन लोगों में शामिल नहीं हूं जिन्होंने जंगल में आग लगाई है, बल्कि उन लोगों में से हूं जो आग को बुझाने में लगे है।

तीसरा, मुझे अपने जीवन में कभी भी यह ग्लानि नहीं होगी कि मैं जंगल में लगी आग को बुझाने के लिए जो कुछ कर सकती थी वह मैंने नहीं किया।

चौथा कारण यह है कि मैं ऐसे लोगों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करना चाहती हूं जो आग बुझाने का काम कर सकने में सक्षम है, परंतु कुछ भी नहीं कर रहे है

और अंतत: जब कभी भी इस जंगल का इतिहास लिखा जाएगा और इसमें लगी आग का विवरण दिया जाएगा तो उसमें मेरा नाम इसलिए शामिल किया जाएगा कि मैंने अपनी पूरी क्षमता और ताकत से जंगल में लगी आग को बुझाने की कोशिश की थी।'

कहानी में गौरैया द्वारा जंगल में लगी आग को बुझाने के लिए दिए गए सभी कारण अत्यंत महत्वपूर्ण है।

"आप" को गौरेया समझ सकते है "आप"
इस कहानी को पडकर भी "आप" का समर्थन नही करोगे तो अपने को "आम आदमी" बोलना बंद कर दो!

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